गुवा। गुवा सेल की जेनरल अस्पताल प्रबंधन द्वारा 27 नवम्बर से सारंडा संजीवनी नामक मोबाइल चिकित्सा वाहन सुविधा प्रारम्भ किया गया। इस सुविधा का विधिवत उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि सेल, राउरकेला स्टील प्लांट के प्रभारी निदेशक (अतिरिक्त प्रभार, बोकारो स्टील प्लांट) अतनु भौमिक, विशिष्ट अतिथि कार्यपालक निदेशक (खनन, जेजीओएम, बीएसएल) जयदीप दास गुप्ता, कार्यपालक निदेशक (पीएंडए, बीएसएल) राजन प्रसाद, कार्यपालक निदेशक (खनन, आरएसपी) आलोक वर्मा, कार्यपालक निदेशक (पीएंडए, आरएसपी) तरुण मिश्रा, पिरामल स्वास्थ्य के एस राय चौधरी,गुवा सेल अस्पताल के सीएमओ डॉ सीके मंडल गुवा सेल के मुख्य महाप्रबंधक कमल भास्कर ने दीप प्रज्वलित कर तथा मोबाइल चिकित्सा वाहन को झंडा दिखाकर रवाना किया।
प्रभारी निदेशक अतनु भौमिक ने कहा कि हेल्थ सभी के लिये जरूरी है। सेल अपने तमाम क्षेत्रों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य करते आ रही है। कोई भी बीमारी का डायग्नोसिस गांव स्तर पर इस योजना से हो पायेगा। ऐसा कार्य झारखंड व ओडिशा के परिधि क्षेत्र में किया जा रहा है। इससे हमारे ग्रामीणों को भारी चिकित्सीय लाभ मिलेगा। ईडी राजन प्रसाद ने कहा कि इस योजना के प्रारम्भ होने से प्रायः लोगों का इलाज उनके गांवों में हो जायेगा। कम लोगों को हीं अस्पताल आना पडे़गा। सारंडा के ग्रामीणों को इसका व्यापक लाभ मिलेगा।
सेल अस्पताल में चिकित्सकों व सुविधाओं की कमी अवश्य है। इससे अस्पतालों पर लोड घटेगा। ईडी जयदीप दास गुप्ता ने कहा कि यहाँ स्टील बनाने के लिये काफी वर्षों से प्रयासरत हैं। सारंडा के गांवों में सेल अस्पताल को छोड़कर चिकित्सा की कोई सुविधा नहीं है। यह मोबाइल चिकित्सा सुविधा चलता फिरता अस्पताल होगा जो सारंडा के गांवों में जाकर मरीजों का इलाज करेगा।
डेढ़ वर्षों के प्रयास से यह संभव हो पाया है। यह तीन वर्ष का एमओयू हुआ है। आगे भी जारी रहेगा। ईडी तरुण मिश्रा ने कहा कि सोसायटी बचपन से बहुत कुछ दिया है। यह मोबाइल चिकित्सा सुविधा सोसायटी को बहुत लाभ देगा। ईडी आलोक वर्मा ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण के लिये स्टील का उत्पादन जिस तरह से जरुरी है उसी प्रकार खदान व आसपास के ग्रामीणों को स्वस्थ रखना। इस दौरान सीजीएम कमल भास्कर, महाप्रबंधक (जेजीओएम) एसएन पंडा, महाप्रबंधक एनके झा, महाप्रबंधक सीबी कुमार, महाप्रबंधक एसपी दास, महाप्रबंधक दीपक प्रकाश, तनवीर जाफर,डा आंनद, राकेश नंदकोलियर, राजेश सिन्हा सहित 18 गांवों के मुंडा, मानकी, ग्रामीण मौजूद थे।
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