Default Image

Months format

Show More Text

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

Terhubung

NewsLite - Magazine & News Blogger Template
NewsLite - Magazine & News Blogger Template

आज भी बहुत लोग डायन प्रथा से पीड़ित है : सुनील कुमार दे, Even today many people are suffering from witchcraft: Sunil Kumar De,


हाता।
 आज से 50 साल पहले समाज में डायन प्रथा काफी सक्रिय था। शिक्षा का प्रभाव से कुछ हद तक आज प्रभावहीन हुआ है, लेकिन अभी भी जनजाति, उप जनजाति और पिछड़ी बहुल समाज में डायन प्रथा काफी सक्रिय है।डायन के नाम पर आज भी नारियों पर अमानवीय अत्याचार किया जाता है, मारा जाता है,पीटा जाता है, कहीं कहीं तो डायन बोलके नारी की हत्या भी की जाती है। डायन का अर्थ है एक तरह की राक्षसी। उसके पास असीम शक्ति रहती है। वह तंत्र मंत्र से जो मन वही कर सकती है। वह लोगों की कलिजा खा सकती है यही डायन के बारे में आम धारणा थी और अभी भी है।

गांव में अगर किसी का बुखार आ जाय, कोई बीमार पड़ जाय, किसी की उल्टी या पैखाना होने लगे, किसी का घाव नहीं सुख रहा हो, किसी बच्चा रोने लगे तो लोग समझते है की उसको जरूर किसी डायन लगी है। इसके लिए झाड़ फुंक और ओझा गुनी की जरूरत है। कभी कभी लोग ओझा गुनी के चक्कर में डॉक्टर के पास जाते नहीं है, इलाज कराते नहीं है। फल स्वरूप कभी कभी चिकित्सा के अभाव से मरीजों का मृत्यु भी हो जाता है। तब प्रचार किया जाता है कि डायन ने उसको खा गई। 

तब संदेहास्पद नारियों के ऊपर अत्याचार किया जाता है, मारपीट किया जाता है। और यह सब काम आज भी गांव में बहुत सारे शिक्षित और अच्छे लोग भी करते है। अगर डायन के पास इतनी शक्ति है, जो लोगो की कलिजा खा सकती है तो उस सारे डायनों को देश के बॉडर में भेज दिया जाय, ताकि दुश्मनों की कलिजा खा सके, जहाँ पर देश की रक्षा के लिए सैनिक शहीद हो रहे है वे लोग भी बच जायेंगे।

बोलने का अर्थ है डायन कोई राक्षसी नहीं है, उसकी कोई शक्ति नहीं है, डायन एक कुप्रथा है, यह गुनी ओझा का एक काल्पनिक शब्द है, यह एक दुर्बल मन का उपज है इसलिए मानव समाज से यह कुप्रथा दूर होना चाहिए।डायन के नामपर नारियों के ऊपर अत्याचार बंद होना चाहिए। इसलिए गांव के सभी भाइयों और बहनों से मेरा निवेदन है कि घर में अगर कोई बीमार पड़े तो डॉक्टर के पास ले जाय, ओझा और गुनी के पास नहीं, डायन के चक्कर में किसी का जान न गवाएं। नारी कोई राक्षसी और डायन नहीं है, वह किसी की मा,पत्नी,बहन और बेटी है।

No comments:

Post a Comment

GET THE FASTEST NEWS AROUND YOU

-ADVERTISEMENT-

NewsLite - Magazine & News Blogger Template