चांडिल। झारखंड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रखंड के भादूडीह पंचायत से पंसस चुनी गई। इसके बाद चांडिल प्रखंड प्रमुख पद के लिए निर्वाचित हुई। पंसस गुरूपद हांसदा प्रमुख पद हारने के बाद सरायकेला डीसी सह जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष मेरे जाति प्रमाण पत्र तथा मेरा मायके पश्चिम बंगाल में होने का हवाला देकर मेरे विरुद्ध शिकायत के बाद के डीसी ने मेरा प्रमुख पद को रद्द कर दिया था। डीसी के आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय झारखंड मे याचिका दाखिल कर चुनौती दी और उच्च न्यायालय ने मेरे कागजात का जांच कर एवं दोनों के दलील को सुनने के बाद मेरे पक्ष में फैसला सुनाया।
22 नवंबर 2023 को उच्च न्यायालय ने मेरे पक्ष में स्पष्ट निर्णय दिया है कि मेरे पद को रद्द करने का मामला नहीं बनता है। उच्च न्यायालय द्वारा मेरे पक्ष में फैसला सुनाने के बाद उच्च न्यायालय ने फैसला का कागजात सरायकेला डीसी को भेजा गया है। लेकिन दो महीने बीतने के बावजूद भी उपायुक्त ने मुझे प्रमुख पद पर बैठने की आदेश नहीं दिया है। उन्होने कहा सरायकेला जिले के उपायुक्त न्यायालय का आदेश को नही मान रहे हैं। उक्त बातें अमला मुर्मू ने चांडिल के जयदा स्थित होटल रिवर व्यू में आयोजित प्रेसवार्ता में कही।
उन्होंने कहा जिला प्रशासन जनता के सेवक बनकर काम नहीं कर रहें, बल्कि झामुमो पार्टी का सेवक बनकर काम कर रहे हैं। साधारण से काम करने से पहले जिला प्रशासन को झामुमो पार्टी के नेताओं से अनुमति लेना पड़ रहा है।उन्होने कहा मेरे प्रमुख पद को भी राजनीतिक दबाव में रद्द करवाया गया। कहा जिला प्रशासन के खिलाफ एसटी/एससी उत्पीड़न तथा कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का मुकदमा दर्ज कराएंगे।उन्होंने कहा जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट तक इस विषय को लेकर जाऊंगी।
उन्होंने जिला प्रशासन को उच्च न्यायालय से भी बड़ा बताया, चूंकि जिला प्रशासन उच्च न्यायालय का आदेश नहीं मान रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन अब जनता का सेवक नहीं विशेष पार्टी का सेवक बनकर काम कर रहे हैं। इस अवसर पर निवर्तमान प्रमुख अमला मुर्मू, कार्यकारी प्रमुख रामकृष्ण महतो, पंचायत समिति सदस्य रिंकी गांगुली, उर्मिला देवी, ममता महतो, चिंतामणि माहली, माधवी सिंह, आरती महतो, प्रदीप उरांव, परीक्षित महतो, बहादुर कुम्हार आदि उपस्थित थे।
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