गालूडीह। भारत सेवाश्रम के संस्थापक स्वामी प्रणवानंद महाराज का 129वें जन्मदिवस के अवसर पर शनिवार को सालबनी स्थित महामिलन सेवा आश्रम में वार्षिक महोत्सव के साथ विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस मौके पर पूजा-पाठ, आरती, गीता पाठ, भजन-कीर्तन व श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। इसके साथ ही आश्रम परिसर में रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। इस शिविर में 50 यूनिट रक्त संग्रह किया गया। रक्तदान शिविर का आयोजन जमशेदपुर ब्लड सेंटर की ओर से किया गया।
वहीं, शाम को आश्रम परिसर में छऊ नृत्य का भी आयोजन किया गया। स्वामी प्रणवानंद जी महाराज की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बह्मचारी सुखदेव ने कहा कि महाराज का जन्म 1896 में माघ पूर्णिमा के दिन फरीदपुर के बाजिदपुर गांव में हुआ था। जन्म के समय उनका नाम विनोद था। स्वामी प्रणवानंद जी महाराज ने माघ पूर्णिमा के दिन ही सिद्धि प्राप्त की थी। समाज के लिए उनका संदेश था कि सेवा ही धर्म है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि यह युग महाजागरण का है, यह युग महामिलन का है, यह युग महामुक्ति का है और महासमन्वयी युग है।
उनके दिखाये मार्ग का हम सबको अनुसरण करना चाहिए। इस मौके पर मौके पर सुखदेव महाराज, समाजसेवी फ़क़ीर चन्द्र अग्रवाल, सुब्रतो विश्वास, दीपक राय चौधरी, श्यामल भटाचार्य, डॉ निरजला झा, रवि पात्र, श्रीदीप साहा आदि उपस्थित थे।
No comments:
Post a Comment