Guwa (Sandeep Gupta) । संयुक्त मोर्चा, मेघाहातुबुरु ने सेल के मेघाहातुबुरु प्रबंधन को एक मांग पत्र सौंपते हुए यह कहा है कि बायोमेट्रिक प्रणाली से उपस्थिति दर्ज करना खदान में लागू स्थाई आदेशों का उल्लंघन है। यह कदम औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 5 (c) और उपधारा 25 (T) के तहत अनुचित श्रम व्यवहार की श्रेणी में आता है। बायोमेट्रिक प्रणाली से उपस्थिति दर्ज कराना सेवा शर्त का हिस्सा है, जो कर्मचारियों के वेतन और सुरक्षा से संबंधित है। वर्तमान में, मेघाहातुबुरु खदान में उपस्थिति रजिस्टर और कार्ड पंच प्रणाली के माध्यम से दर्ज की जाती है, जो औद्योगिक रोजगार (स्थाई आदेश) अधिनियम, 1946 के तहत प्रमाणित स्थाई आदेशों के अनुसार है।
अगर प्रबंधन उपस्थिति प्रणाली में परिवर्तन करना चाहता है, तो धारा 10 के तहत स्थाई आदेश में संशोधन आवश्यक है।स्थाई आदेश में किसी भी प्रकार का संशोधन केवल प्रमाणन अधिकारी (Certifying Officer) की अनुमति से किया जा सकता है। प्रबंधन द्वारा सीधे बदलाव करना अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है।अधिनियम के तहत, नियोक्ता को धारा 3 के अनुसार स्थाई आदेश का मसौदा प्रमाणन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होता है। मेघाहातुबुरु में प्रबंधन ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है और न ही संशोधन के लिए अपील की है।औद्योगिक रोजगार (स्थाई आदेश) अधिनियम, 1946 की धारा 17 के अनुसार, नियोक्ता को स्थाई आदेशों का उचित और निष्ठापूर्वक पालन सुनिश्चित करना चाहिए।
बिना प्रमाणन अधिकारी की अनुमति के किसी भी बदलाव को धारा 13 (1 एवं 2) के तहत उल्लंघन माना जाएगा, और इसके लिए नियोक्ता पर जुर्माना लगाया जा सकता है।संयुक्त मोर्चा ने आग्रह किया है कि सेल प्रबंधन औद्योगिक रोजगार (स्थाई आदेश) अधिनियम, 1946 का पालन करते हुए बायोमेट्रिक प्रणाली लागू करने के लिए आवश्यक संशोधन प्रक्रिया अपनाए। कोई भी सरकारी संस्था नियमों और अधिनियमों का उल्लंघन करके अपनी योजनाओं को लागू नहीं कर सकती।
अतः, यह प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि वह खदान में किसी भी नई प्रणाली को नियमानुसार लागू करे। संयुक्त मोर्चा ने प्रबंधन से अपील की है कि श्रमिक हितों और कानून का सम्मान करते हुए प्रमाणन अधिकारी के समक्ष आवश्यक संशोधन प्रस्ताव प्रस्तुत करें। संयुक्त मोर्चा में यह यूनियन है शामिल-एनएमडीसी माइन्स वर्कर्स यूनियन (एटक), झारखण्ड मजदूर संघ, झारखण्ड मजदूर संघर्ष संघ, बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन (दूबे एवं चौबे गुट), मेघाहातुबुरु श्रमिक संघ (बीएमएस), झारखण्ड माइन्स मजदूर यूनियन, सीटू, औल झारखण्ड माइन्स वर्कर्स यूनियन, एचएमएस, झारखण्ड मजदूर यूनियन।
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