Guwa (Sandeep Gupta) । सारंडा स्थित गंगदा पंचायत के लेम्ब्रे,टीमरा, और सोदा-सुरगुईया गांवों में पानी की गंभीर समस्या बनी हुई है। मिनी जलमीनार परियोजनाएं अधूरी पड़ी हैं, जिससे मुखिया सुखराम उर्फ राजू सांडिल और ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। मुखिया राजू सांडिल ने बताया कि लेम्ब्रे गांव के मंगल चाम्पिया टोला में मिनी जलमीनार का केवल फाउंडेशन बनाकर छोड़ दिया गया है। इस टोला में लगभग 30-35 परिवार रहते हैं, लेकिन वे आज भी पानी की सुविधा से वंचित हैं। वहीं, मुंडा टोला में मिनी जलमीनार तो लगाया गया है, लेकिन 20 घरों में से केवल 3 को पानी कनेक्शन दिया गया है। बाकी 17 परिवार पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
गांव में तीन स्थानों पर मिनी सोलर जलमीनार लगने थे, लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी सिर्फ एक जगह का काम पूरा हुआ है। यहां सभी घरों को पानी कनेक्शन दिया गया है, लेकिन बाकी दो स्थानों पर काम अधूरा पड़ा है। मुखिया ने आरोप लगाया कि ठेकेदार का पता नहीं चल रहा और आशंका जताई कि आपसी मिलीभगत से योजना का पैसा निकालकर काम अधूरा छोड़ दिया गया है। उन्होंने विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द इन कार्यों को पूरा किया जाए।
टीमरा और सोदा-सुरगुईया गांवों में भी जल संकट टीमरा गांव के लगभग 30-35 परिवारों को पानी उपलब्ध कराने के लिए दो साल पहले ही मिनी सोलर जलमीनार परियोजना स्वीकृत हुई थी। संवेदक को काम भी आवंटित कर दिया गया था, लेकिन आज तक इसका निर्माण शुरू नहीं हो सका। इसी तरह, सोदा-सुरगुईया गांव में भी पानी की स्थिति गंभीर बनी हुई है। तीनों गांवों में पानी का संकट इतना विकराल हो चुका है कि ग्रामीणों का जीवन प्रभावित हो रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन और विभाग से आग्रह किया है कि जलमीनार परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि लोगों को पानी की समस्या से राहत मिल सके।
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