Guwa (Sandeep Gupta) । सारंडा क्षेत्र के गंगदा पंचायत में झारखंड अबुआ आवास योजना के तहत 56 गरीब परिवारों को आवास निर्माण का लाभ दिया गया है। हालांकि, लाभुकों को योजना की तीसरी किस्त का पैसा अब तक नहीं मिला है, जिससे उनका आवास निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। आवास निर्माण का काम लिंटर तक पहुंचने के बाद छत ढलाई के लिए एक लाख रुपये की जरूरत है, लेकिन तीसरी किस्त न मिलने के कारण निर्माण रुक गया है।अबुआ आवास योजना के तहत लाभुकों को पांच किश्तों में तीन कमरों का मकान बनाने के लिए कुल दो लाख रुपये प्रदान किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, मनरेगा योजना के तहत मजदूरी के एवज में प्रत्येक लाभुक को 25,000 रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलता है।
योजना की पहली और दूसरी किश्त में लाभुकों को 80-80 हजार रुपये प्रदान किए गए थे, जिससे घर का निर्माण लिंटर तक हो गया। हालांकि, तीसरी किश्त के पैसे की अनुपलब्धता के कारण घर अधूरे हैं। गंगदा पंचायत के दुईया गांव के ननिका गोप, फूलचंद नाग, और ललिता बुकरु सहित दर्जनों गरीब लाभुक अपने अधूरे बने घरों के कारण परेशान हैं। वे महीनों से तीसरी किश्त के पैसे का इंतजार कर रहे हैं, ताकि अपने घर की छत ढलाई का काम पूरा कर सकें। उनके घर अधूरे रहने के कारण वे अभी भी बेघर जैसी स्थिति में जीवन यापन कर रहे हैं। गंगदा पंचायत के मुखिया राजू सांडिल ने कहा कि लाभुकों को अब तक सरकार द्वारा केवल दो किश्तों में 80- 80 हजार रुपये मिले हैं। तीसरी किश्त का पैसा लगभग एक लाख रुपये आने के बाद ही छत ढलाई का कार्य पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों से कई बार संपर्क किया गया, लेकिन हर बार फंड की अनुपलब्धता का हवाला दिया जाता है।
मुखिया ने कहा, पंचायत के सभी 56 लाभुकों का आवास निर्माण कार्य फंड की कमी के कारण अधूरा है। सरकार को जल्द से जल्द फंड उपलब्ध कराकर समस्या का समाधान करना चाहिए। गरीबों के घर पूरे हो जाने से वे अपने परिवार के साथ सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे। गंगदा पंचायत के लाभुकों और पंचायत प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द फंड जारी कर तीसरी किश्त का भुगतान कराया जाए। उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए यह योजना बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन फंड की देरी से इसका उद्देश्य अधूरा रह रहा है।
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