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Jamshedpur. बिरसा चौक का नामकरण कर उनके शहादत को भूल गए संगठन के लोग, नहीं दी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि, एक फूल को तरसे धरती आबा, By naming Birsa Chowk, the people of the organization forgot his martyrdom, did not pay tribute to the statue, Dharti Aba yearned for a flower

 


Jamshedpur (Nagendra) । धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा को हमेशा याद रखने के लिए लोग बड़े बड़े वादे करते हैं और क्या क्या नहीं कुछ शपथ लेते । यहां तक कि लोग बिरसा मुंडा जी के नाम पर राजनीति कर अपना नाम भी कमाना चाहते हैं। पर वही लोग समय निकल जाने पर कभी कभी निष्ठुर होने का प्रमाण भी दे जाते हैं। ऐसा ही धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जी के शहादत दिवस के दिन गमहरिया में इस तरह के नजारा देखने को मिला। गौरतलब हो कि गमहरिया काड़ा काटा दुर्गा मंदिर के पास चौक में भगवान बिरसा मुंडा जी की प्रतिमा स्थापित कर वहां पूर्व में बिरसा चौक का नामकरण किया गया था, लेकिन धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा उनके शहादत दिवस पर एक फूल के लिए तरस गये। देश की आजादी के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले भगवान बिरसा को उनके शहादत दिवस पर लोगों ने भूला दिया।



 देर रात तक कोई भी पार्टी के नेता या सामाजिक कार्यकर्ता उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण तो दूर एक फूल चढ़ाने भी नहीं पहुंचे। स्थानीय लोगों के अनुसार हर वर्ष तामझाम के साथ राजनीतिक पार्टी के नेता प्रतिमा स्थल पहुंच श्रद्धांजलि देते थे। साथ ही जर्जर प्रतिमास्थल का जार्णोद्धार कराने का आश्वासन देकर निकल जाते थे और पुनः एक वर्ष बाद दर्शन देते थे। माना जा रहा है कि लोगों द्वारा आश्वासन याद दिलाये जाने के भय से नेता इस वर्ष प्रतिमा स्थल पर श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचे, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।



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