Upgrade Jharkhand News. नीमडीह प्रखंड में स्थित शांखा नदी से अवैध रूप से बालू खनन एवं परिवहन जारी है। सरकार द्वारा 15 जून से 15 सितंबर तक बालू खनन बंद रखा है। इसके लिए झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड द्वारा निर्देश भी जारी किया गया है। इसके बाबजूद सिंदूरपूर, मुरू आदि गांव के पास शांखा नदी में दिन रात अवैध रूप से बालू खनन जारी है। नीमडीह थाना के सिंदूरपुर गांव में बालू का अवैध स्टॉक बनाया है, जहाँ से ऊँचे दाम पर ट्रैक्टर में बालू बेचा जा रहा है। ग्रामीण कह रहें है कि पुलिस प्रशासन इससे बेखबर क्यों है? यह एक बड़ा प्रश्न चिन्ह है।
इस सरकार के कार्यकाल में बालू, पत्थर आदि का अवैध खनन एक बड़ा व्यापार बन गया है। शांखा नदी में बालू खनन का आदेश सरकारी स्तर पर नहीं है। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि इसके बाद भी तीन साल से अवैध रूप से बालू खनन कर नदी को नाला बना दिया गया। इधर पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार अनेक योजनाएं चला रही है। इधर अवैध तरीके से प्राकृतिक संपद को दोहन कर प्रकृति पर गहरा चोट पहुंचाया जा रहा है और प्रशासन इससे बेखबर है।
इस संबंध में सरायकेला खरसावां के जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सतपथी से पूछे जाने पर कहा कि खनन विभाग द्वारा अवैध बालू खनन रोकने के लिए निरंतर छापामारी कर कार्रवाई किया जा रहा है। इसके बाद भी अवैध बालू परिवहन हो रहा है तो स्थानीय पुलिस - प्रशासन को भी जिम्मेदारी है इसे रोकने। लाकड़ी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सह ग्राम प्रधान रंजीत माझी ने कहा कि लाकड़ी, बागड़ी, सिंदूरपुर, झिमड़ी, मुरू, बुरुडीह एवं बांदु गांव के पास से शांखा नदी में अवैध रूप से बालू खनन किया जा रहा है। प्रशासन से मांग है कि इस अवैध खनन को रोकें। अवैध खनन के कारण सरकारी राजस्व में हानि हो रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व के सरकार द्वारा ग्राम पंचायत को बालू परिवहन करने का कार्य दिया गया था। मिलने वाला राजस्व से पंचायत क्षेत्र का विकास कार्य होता था। लेकिन वर्तमान सरकार इस ओर ध्यान नहीं दिया।
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