- कम्पनी के सी एम डी श्री सतपति ने मैसेज भेज कर मामले को बताया बेबुनियाद, आज होगी प्रेस कॉन्फ्रेंस
Upgrade Jharkhand News. भारत सरकार का संस्थान यूसिल के अध्यक्ष सह प्रबंध निर्देशक डॉ संतोष सतपति पर कंपनी के ही महिला अधिकारी ने जादूगोड़ा थाना में उनके खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है। जादूगोड़ा थाना में इस बात कांड संख्या 43 दिनांक 31 जुलाई 2025 के तहत मामला दर्ज की गई है। थाना प्रभारी राजेश कुमार मंडल इस केस के स्वयं अनुसंधानकर्ता है। उन्होंने कहा कि मामला घाटशिला कोर्ट भेज दिया गया हैं ।निष्पक्ष जांच के बाद आगे कारवाई की जाएगी। पीड़िता अधिकारी यूसिल के सी आर डी विभाग में रिसर्ज सेंटर में 15 सालों से पदस्थापित हैं। इस बीच यूसिल के अध्यक्ष सह प्रबंध निर्देशक डॉक्टर संतोष सतपति ने फोन पर कहा कि वे फिलहाल दिल्ली में है व उनपर लगे आरोप बेबुनियाद है। इस सिलसिले में कल शनिवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपना पक्ष मीडिया के समक्ष रखेंगे। यहां बताए चले कि इसके पूर्व यूसिल के अध्यक्ष सह प्रबंध निर्देशक रमेंद्र गुप्ता के कार्यकाल में कई बंद कंपनियों खुली व कंपनी विकास के रास्ते बढ़ चली। उनके जाने के बाद यूसिल प्रंबधन की कार्यशैली में लगातार गिरावट आती गई।
यूसिल के पूर्व कर्मी विद्या शर्मा पर कंपनी के तकनीकी निर्देशक मनोज कुमार ने झूठा आरोप लगाकर वर्ष 2020 _ 2021 व 2021 _ 22 का सालाना इंक्रीमेंट रोक लगा दी। फिलहाल मामला चाईबासा कोर्ट में है। इतना ही नहीं यूसिल में चहेते अधिकारी बीते 20 सालों से एक जगह पर जमे हुए है जबकि गणेश परिक्रमा नहीं करने वाले अधिकारियों की बार _ बार झारखंड से बाहर अन्यत्र तबादला को लेकर ज्यादातर अधिकारी नाखुश है। तबादले की कोई ठोस पॉलिसी आज तक नहीं बनी। पदोन्नति में भेदभाव ने यूसिल के अध्यक्ष सह प्रबंध निर्देशक डॉक्टर संतोष सतपति पर उंगलियां उठानी तेज हो गई। श्री सतपति यूसिल के अस्थाई सीएमडी है। चंद महीनों में बाद आनंद राव नए सी एम डी के रूप में पदभार संभालेगे।
उनके जाने से पूर्व उनके ही चेहरे पर एक महिला अधिकारी ने ऐसा दाग चिपका दी जो यूसिल के लिए सबसे बड़ी शर्मनाक घटना है। यूसिल में महिला के साथ शारीरिक शोषण कांड का सच क्या है यह तो बाद में चलेगा लेकिन यूसिल प्रबंधन की मनमानी ने उसकी छवि को दागदार बना दिया हैं। जरूरत है यूसिल प्रबंधन में भारी फेरबदल कर गलतियों को सुधारने की ताकि यूसिल की धूमिल होती छवि दोबारा लौट सके।
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