Jamshedpur (Nagendra) । टाटा स्टील को इंडियन सर्कुलर इकोनॉमी फोरम (ICEF) द्वारा “लार्ज एंटरप्राइज़” श्रेणी में एसीई (ACE) अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान टाटा स्टील के बड़े पैमाने पर औद्योगिक कार्यों में सर्कुलर इकोनॉमी के सिद्धांतों और सस्टेनेबल अभ्यासों को प्रभावशाली ढंग से अपनाने में उसके उत्कृष्ट नेतृत्व का प्रमाण है। आअआआअ131 जुलाई को गुरुग्राम, दिल्ली-एनसीआर में आयोजित समारोह के दौरान टाटा स्टील की ओर से यह पुरस्कार दीपंकर दासगुप्ता, एग्जीक्यूटिव-इन-चार्ज, इंडस्ट्रियल बाय-प्रोडक्ट्स मैनेजमेंट डिवीजन (आईबीएमडी), अमित रंजन, सीओएमएस, आईबीएमडी, अमित कुमार महतो, हेड-मार्केटिंग एंड बिज़नेस डेवलपमेंट, आईबीएमडी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने प्राप्त किया। लौह एवं इस्पात उद्योग में सस्टेनेबल पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में योगदान देने के अपने प्रयासों के तहत टाटा स्टील इंडस्ट्रियल बाय प्रोडक्ट्स से मूल्य सृजन में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
आयरन मेकिंग की पूरी वैल्यू चेन में उत्पन्न होने वाले बाय प्रोडक्ट्स का प्रबंधन एक समर्पित प्रॉफिट सेंटर – इंडस्ट्रियल बाय-प्रोडक्ट मैनेजमेंट डिवीजन (आईबीएमडी) के माध्यम से किया जाता है, जो 'शून्य अपशिष्ट' लक्ष्य के साथ कार्य करता है। यह डिवीजन कंपनी की स्पष्ट रूप से परिभाषित पर्यावरणीय एवं सस्टेनेबिलिटी नीतियों तथा सर्कुलर इकोनॉमी के 3R सिद्धांतों पर आधारित है। टाटा समूह की "आलिंगना" पहल के तहत टाटा स्टील वर्ष 2045 तक नेट ज़ीरो लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। टाटा स्टील को सस्टेनेबल अभ्यासों को बढ़ावा देने और बड़े स्तर पर अपशिष्ट एवं बाय-प्रोडक्ट मैनेजमेंट में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए भी सराहा गया और मान्यता दी गई।
No comments:
Post a Comment