Jamshedpur (Nagendra) । एक गौरवपूर्ण और महत्वपूर्ण अवसर पर झारखंड में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) समुदाय से ताल्लुक रखने वाली एक प्रतिभाशाली ग्रेजुएट, रश्मि बिरहोर ने गुरुवार को रांची के राजभवन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। रश्मि के साथ दीपक कुमार श्रीवास्तव, असिस्टेंट मैनेजर, कम्युनिटी डेवलपमेंट, टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ), वेस्ट बोकारो भी मौजूद थे। रश्मि की यह प्रेरणादायक यात्रा टाटा स्टील फाउंडेशन की ‘आकांक्षा परियोजना’ के माध्यम से संभव हो सकी, जो बिरहोर समुदाय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अवसर प्रदान कर उनके भविष्य को नई दिशा दे रही है। रश्मि बिरहोर ने इस अभूतपूर्व अवसर पर अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा कि वह अत्यंत गौरवांवित और आभारी हैं कि देश की माननीय राष्ट्रपति ने अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर न सिर्फ उनसे, बल्कि उनके माता-पिता से भी मुलाकात की।
उन्होंने बताया कि श्रीमती मुर्मू ने उन्हें सहज महसूस कराया और उन्होंने संथाली भाषा में बातचीत की। रश्मि ने टाटा स्टील फाउंडेशन को दिल से धन्यवाद देते हुए कहा कि ‘आकांक्षा परियोजना’ की बदौलत उन्हें शिक्षा का अवसर मिला, जिसने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी। यह बदलाव सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि उनके पूरे परिवार और समुदाय के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरा है। रश्मि ने बताया कि उन्होंने अपनी पढ़ाई में कड़ी मेहनत की है और आशा व्यक्त की कि उनकी कहानी उनके समुदाय के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने और नई ऊँचाइयों को छूने के लिए प्रेरित करेगी। रश्मि का दृढ़ विश्वास है कि शिक्षा जीवन को नई दिशा देने और नए अवसरों के द्वार खोलने में आधारशिला है। वहीं सौरव रॉय, चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर, टाटा स्टील फाउंडेशन ने कहा "हमें रश्मि पर बेहद गर्व है, न सिर्फ उसकी उपलब्धियों के लिए, बल्कि उन उम्मीदों और सपनों के लिए भी जिन्हें वह बच्चों की क्षमताओं और संघर्षों के प्रतीक रूप में दर्शाती है।
रश्मि ने साबित किया है कि कठिन हालात किसी की क्षमता को तय नहीं करते। टाटा स्टील फाउंडेशन में हमारी शिक्षा संबंधी पहलों का मूल उद्देश्य भी यही है—हर बच्चे को समान अवसर मिले, उन्हें सीखने का बेहतर वातावरण मिले और वे अपने भविष्य को खुद गढ़ सकें। रश्मि की यात्रा 'आकांक्षा' से शुरू हुई थी, लेकिन उसकी प्रगति ने कई बच्चों को अपनी क्षमताओं को पहचानने, उसे साकार करने और अपने सपनों को ऊँचाई देने के लिए प्रेरित किया है।"टाटा स्टील वेस्ट बोकारो डिवीजन के जनरल मैनेजर अनुराग दीक्षित ने इस अवसर पर कहा, "यह टाटा स्टील और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) के लिए गर्व का क्षण है कि देश की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने झारखंड के रामगढ़ जिले की पीवीटीजी समुदाय से पहली स्नातक बनने वाली रश्मि बिरहोर से मुलाकात की।" उन्होंने आगे कहा, "हम राष्ट्रपति महोदया के इस प्रेरणादायक पहल के लिए दिल से आभार प्रकट करते हैं। यह मुलाकात न केवल रश्मि के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, बल्कि यह सैकड़ों बच्चों को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने की प्रेरणा भी देगी।"रश्मि ने वर्ष 2017 में टाटा स्टील फाउंडेशन की ‘आकांक्षा परियोजना’ से जुड़कर अपनी शैक्षणिक यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट रॉबर्ट्स गर्ल्स स्कूल, हजारीबाग से पूरी की और इसके बाद जी.एम. ईवनिंग कॉलेज, हजारीबाग से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और निरंतर मेहनत के बल पर रश्मि रामगढ़ ज़िले के पीवीटीजी समुदाय से मैट्रिक और ग्रेजुएट दोनों परीक्षाएं सफलतापूर्वक पास करने वाली पहली छात्रा बन गईं। रश्मि की उपलब्धि ‘आकांक्षा परियोजना’ के दीर्घकालिक प्रभाव की एक सशक्त मिसाल है और यह दर्शाती है कि समावेशी शिक्षा किस तरह वंचित समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने और सशक्त बनाने की क्षमता रखती है। आज माननीय राष्ट्रपति के साथ रश्मि की मुलाकात जहां उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों का जश्न है, वहीं यह पूरे पीवीटीजी समुदाय के युवाओं की बढ़ती आकांक्षाओं और उम्मीदों को भी दर्शाती है। रश्मि के परिवार में उनके पिता सुधांशु बिरहोर, माता सावा देवी और छोटा भाई मनीष कुमार शामिल हैं, जो वर्तमान में दूसरी कक्षा में पढ़ाई कर रहा है। रश्मि की कहानी आदिवासी क्षेत्रों के सैकड़ों बच्चों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन गई है, जो उन्हें बड़े सपने देखने और पूरे समर्पण के साथ शिक्षा के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है।
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