- शोभा यात्रा निकाली गई, हजारों ने लंगर ग्रहण किया
- धनी वही, जिनके पास नाम का खजाना : हेड ग्रंथी
Jamshedpur (Nagendra) युवा सिखों की सामाजिक संस्था खालसा सेवा दल के तत्वावधान में साकची गुरुद्वारा मैदान में दो दिवसीय कीर्तन दरबार मंगलवार को शुरू हुआ। इसमें विशेष तौर पर शामिल होने पहुंचे श्री दरबार साहिब तरन तारन के हेड ग्रंथी ज्ञानी जजबीर सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में श्रद्धालुओं को आस्था रखते हुए अकालपुरख परमेश्वर के नाम का खजाना कमाने की सलाह दी। फोन के अनुसार दुनिया में वही धनी है जिसके पास नाम का खजाना है क्योंकि उसके पास सत्य, संतोष, सदविचार सद्भावना, प्रेम जैसे सात्विक गुण हैं। उसी के पास उदारता एवं स्नेह है। इसके साथ ही गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश 1666 के इतिहास से संगत को जोड़ा।
पटियाला से आई हुई बीवी जसप्रीत कौर जी के जत्थे ने, गनिव तेरी सिफत सच्चे पातशाह, सुनी अरदास स्वामी मेरे ,शरब कला बन आई, सतगुर होय दयाल तां श्रद्धा पुरिए, शब्द गायन कर भक्ति गंगा की रस बहाई। शहर के हजारों श्रद्धालु श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के आगे नतमस्तक हुए और बहुत श्रद्धा के साथ कीर्तन का आनंद मनाया और लंगर ग्रहण किया।
इससे पूर्व श्रीखंड पाठ की समाप्ति के उपरांत शोभा यात्रा निकाली गई और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को सजे हुए पंडाल में विराजमान किया गया। जत्थेदार जरनैल सिंह जी के अरदास एवं हजूरी ग्रंथी अमृतपाल सिंह मन्नन द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज से आज्ञा लेने के उपरांत कीर्तन दरबार शुरू हुआ जो देर रात तक चलता रहा।
शोभा यात्रा में सिख स्त्री सत्संग सभा साकची और सुखमणि साहिब कीर्तनी जत्था की बीबीयों के अलावा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी साकची के सभी सदस्य और संगत शामिल हुई। सबसे पहले भाई साहब भाई नारायण सिंह जी (हजूरी रागी गुरुद्वारा साहब साकची) ने कीर्तन गायन किया। इसका संचालन सरदार परमजीत सिंह काले ने किया। सनी सिंह बरियार, अमरपाल सिंह, सतबीर सिंह सोमू, प्रितपाल सिंह जगजीत सिंह आदि व्यवस्था में लगे हुए हैं ।कल बुधवार को दोपहर में लंगर का प्रबंध आयोजको की ओर से किया गया है।


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