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Jamshedpur धर्म और मर्यादा के पालन हेतु आज की युवा पीढी को संस्कार की सीख जरूरी- आचार्य To follow religion and decorum, today's young generation needs to learn values ​​- Acharya

 


Jamshedpur (Nagendra) गोलमुरी के टुइलाडुंगरी स्थित गाढ़ाबासा कम्युनिटी सेन्टर में चल रहे श्रीमद भागवत महापुराण कथा के चौथे दिन बुधवार को व्यास पीठ से कथावाचक आचार्य पंडित कुमार स्वामी जी महराज ने भगवान श्रीराम व श्रीकृष्ण के जन्म का मनोरम वर्णन किया गया। कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। कृष्ण जन्म के प्रसंग शुरू होते ही पंडाल में मौजूद श्रद्धालु नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की भजनों के साथ झूम उठे। उन्होंने धर्म और मर्यादा के पालन हेतु आज की युवा पीढी को भगवान श्री कृष्ण से संस्कार की सीख लेने की बात कही। भक्त भगवान सेवा समिति द्धारा आयोजित कथा के दौरान राम जन्म, राम चरित्र और कृष्ण जन्म की कथा सुनाते हुए महाराज ने कहा कि जब-जब भी धरती पर आसुरी शक्ति हावी हुईं, परमात्मा ने धर्म की रक्षा के लिए अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की। 


मथुरा में राजा कंस के अत्याचारों से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रुप में देवकी के अष्टम पुत्र के रूप में जन्म लिया और धर्म और प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया। महाराज ने कृष्ण जन्म की कथा के पूर्व भगवान राम के अवतार की लीला का वर्णन किया। उन्होंने रामकथा का संक्षिप्त में वर्णन करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने धरती को राक्षसों से मुक्त करने के लिए अवतार धारण किया। 


आचार्य ने कहा कि जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा सुनते हुए उसी के अनुसार कार्य करें। कथा का सुनना तभी सार्थक होगा। जब उसके बताए हुए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करें। इस अवसर पर काफी संख्या में श्रद्धालु गण उपस्थित थे।



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