Jamshedpur (Nagendra) । हरिद्वार, गौमुख या सुल्तानगंज से पवित्र गंगाजल लेकर भगवान शिव को अर्पित करने की परंपरा वाली कांवड़ यात्रा में हर साल करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं। जुलाई-अगस्त के सावन माह में आयोजित इस यात्रा में श्रद्धालु पैदल सफर करते हुए गंगाजल लेकर अपने-अपने क्षेत्रों के शिव मंदिरों तक पहुंचते हैं। इस पूरे तीर्थयात्रा में जहां आस्था और भक्ति की मिसाल देखने को मिलती है, वहीं एक छोटा-सा उत्पाद चुपचाप इस यात्रा को सफल और सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है एम-सील।
आम तौर पर लीकेज-प्रूफ सीलेंट के रूप में उपयोग होने वाला एम-सील अब कांवड़ यात्रा का एक गुमनाम हीरो बन गया है। लाखों श्रद्धालु अपने गंगाजल के कलशों को सुरक्षित रखने के लिए एम-सील का प्रयोग करते हैं, जिससे न केवल जल सुरक्षित रहता है, बल्कि पूरी यात्रा भी बिना किसी अवरोध के पूरी होती है। यह जुगाड़ की भूमि भारत में इनोवेशन का सटीक उदाहरण है। एम-सील अब न केवल हार्डवेयर दुकानों में बल्कि स्थानीय राशन की दुकानों, सड़क किनारे के ढाबों, बस अड्डों, ट्रांसपोर्ट सेंटर्स, यहां तक कि हरिद्वार की हर की पौड़ी और बसों के अंदर भी आसानी से उपलब्ध है।
श्रद्धा, विश्वास और धैर्य से भरी इस यात्रा में एम-सील न केवल एक साधारण उत्पाद, बल्कि एक विश्वसनीय साथी बन गया है। यह दर्शाता है कि जब इनोवेशन आम जीवन की जरूरतों से जुड़ता है, तो वह एक साधारण प्रोडक्ट से कहीं बढ़कर जीवन का हिस्सा बन जाता है।
No comments:
Post a Comment