Mumbai (Anshu Jha) मुंबई - 'कहते हैं दो प्रेमियों की कहानी नही होती' और जिसके होंठो पे हो हंसी उसके आँखों मे पानी नहीं होती जाति- धर्म से परे एक ऐसी भी दुनिया होती है जहां दो लोगों के दिलों का मिलन होता है। प्रगतिशील भारत मे आज भी लोगों को उसके जात- धर्म से पहचाना जाता है। राधा - कृष्ण के प्रेम का मिशाल देने वाले लोग जब समाज मे दो लोग प्यार करते हैं तो उनको अलग करने के लिए हर कोशिस करते हैं। हीर रांझा हो या लैला मजनू सभी को लाखों संघर्ष का सामना करके अपने प्यार को साबित करना पड़ा। लौट आया है फिर एक बार दर्शकों के दिलों पे राज करने धड़क-2 जो आज 1 अगस्त 2025 को सिनेमा घरों मे रिलीज हुई है।
जैसे की सभी ने देखा धड़क-1 (2018) ने हमें एक युवा प्रेम कहानी दी थी जो कास्ट और क्लास के टकराव पर आधारित थी। फिल्म में पार्थवी (जान्हवी कपूर) और मधुकर (ईशान खट्टर) की प्रेम कहानी ने दर्शकों को भावुक कर दिया था, लेकिन इसका अंत हमें सच्चाई की कड़वी हकीकत से रुबरु कराता है, जहाँ प्यार अक्सर स्वार्थ और हिंसा के सामने हार जाता है। अब निर्देशक शाज़िया इकबाल धड़क- 2 लेकर आए हैं, फिल्म में सिद्धांत चतुर्वेदी, तृप्ति डिमरी स्टार कास्ट के साथ जो 1 अगस्त 2025 को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है। इस बार कहानी सिर्फ वर्गभेद नहीं, बल्कि जातिभेद की जमीनी सच्चाई पर केंद्रित है। यह फिल्म दिखाती है कि जब दो प्रेमी अलग-अलग जातियों से होते हैं, तो समाज किस तरह दीवारें खड़ी करता है, चाहे वो गांव हो या शहर, घर हो या अदालत।
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